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NEW LATEST HINDI SAYARI
इन अंधेरों में मुझे एक रौशनी सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
जैसे वादियों में शामिल कोई नमी सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
में तन्हां बैठा हूँ, किसी पेड की छांव में और वो फुल की एक कली सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
जैसे वादियों में शामिल कोई नमी सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
में तन्हां बैठा हूँ, किसी पेड की छांव में और वो फुल की एक कली सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
अजनबी गलियों से हम गुजरा नहीं करते,
दर्द-ए-दिल हम लिया और दिया नहीं करते,
ये दोस्ती का रिश्ता सिर्फ तुमसे है,
वर्ना इतने मैसेज हम भी किसी को किया नहीं करते..
दर्द-ए-दिल हम लिया और दिया नहीं करते,
ये दोस्ती का रिश्ता सिर्फ तुमसे है,
वर्ना इतने मैसेज हम भी किसी को किया नहीं करते..
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे,
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे..
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे..
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाबों में आ कर यु तड़पाया न करो.
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाबों में आ कर यु तड़पाया न करो.
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ,
ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ,
मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,
सारी उम्र बस एक मुलाकात में गुजार लूँ..
ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ,
मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,
सारी उम्र बस एक मुलाकात में गुजार लूँ..
उदास आँखों में अपने करार देखा है,
पहली बार उसे बेक़रार देखा है,
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की,
उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है..
पहली बार उसे बेक़रार देखा है,
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की,
उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है..
न देखने से मेरा प्यार कम ना होगा,
तू पलट के ना देख इजहार कम ना होगा,
तुझको देख कर धड़कनें बढ़ जाती है सच है,
लेकिन तेरे लिए मेरे दिल में प्यार कभी कम ना होगा..
तू पलट के ना देख इजहार कम ना होगा,
तुझको देख कर धड़कनें बढ़ जाती है सच है,
लेकिन तेरे लिए मेरे दिल में प्यार कभी कम ना होगा..
1. किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती..
2. वफाओं से मुकर जाना हमे आया नहीं अब तक,
जिन्हें चाहत की क़द्र नहीं हम उनसे ज़िद नहीं करते..
3. दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती..
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती..
2. वफाओं से मुकर जाना हमे आया नहीं अब तक,
जिन्हें चाहत की क़द्र नहीं हम उनसे ज़िद नहीं करते..
3. दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती..
कोरे कागज पर हमने अपनी कहानी लिख दी,
मिला जाे दुनिया से हमें, उससे हमने शायरी लिख दी,
फिर क्यों अाखों के आसुओं में तेरी कमी है दिखती,
अाैर मेरे जिंदगी की किताब पर तेरे एहसास की निशानी दिखती..
मिला जाे दुनिया से हमें, उससे हमने शायरी लिख दी,
फिर क्यों अाखों के आसुओं में तेरी कमी है दिखती,
अाैर मेरे जिंदगी की किताब पर तेरे एहसास की निशानी दिखती..
कहाँ वो नई गहिरायाँ हसने -हँसाने में,
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में ,
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे ,
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में ,
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे ,
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में
इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है,
गम देके वो पूछे हैं कोई गम तो नहीं है,
चल मान लिया तेरा कोई दोष नहीं है,
हालांकि दलीलों में तेरी दम तो नहीं है.
गम देके वो पूछे हैं कोई गम तो नहीं है,
चल मान लिया तेरा कोई दोष नहीं है,
हालांकि दलीलों में तेरी दम तो नहीं है.
वो रूठे है इस कदर, मनाये कैसे,
जज्बात अपने दिल के दिखाए कैसे,
नर्म एहसासों की सिहरन कह रही पास आ जाओ,
सिमट जाओ मुझमें और दिल में समां जाओ..
देखो लौट आओ और ना रूठो हमसे,
बस रह गया है तुम्हारा इन्तेजार कब से,
इतनी भी क्या तकरार हमसे,
इन्तेजार में तेरे दिल बेक़रार कब से..
तुम लड़ना मुझसे, झगड़ना मुझसे,
पर कभी ना दूर रहना मुझसे,
देखो वो सूरज डूब रहा चांदनी लाकर,
फिर ढलती शाम में बढ़ रहा खुमार कब से..
मेरे दिल की ख़ामोशी मेरी वफायें समझों ,
अब क्या कहूँ अपने दिल की सदायें समझों,
वो रूठे है इस कदर , मनाये कैसे,
जज्बात अपने दिल के दिखाए कैसे..
जज्बात अपने दिल के दिखाए कैसे,
नर्म एहसासों की सिहरन कह रही पास आ जाओ,
सिमट जाओ मुझमें और दिल में समां जाओ..
देखो लौट आओ और ना रूठो हमसे,
बस रह गया है तुम्हारा इन्तेजार कब से,
इतनी भी क्या तकरार हमसे,
इन्तेजार में तेरे दिल बेक़रार कब से..
तुम लड़ना मुझसे, झगड़ना मुझसे,
पर कभी ना दूर रहना मुझसे,
देखो वो सूरज डूब रहा चांदनी लाकर,
फिर ढलती शाम में बढ़ रहा खुमार कब से..
मेरे दिल की ख़ामोशी मेरी वफायें समझों ,
अब क्या कहूँ अपने दिल की सदायें समझों,
वो रूठे है इस कदर , मनाये कैसे,
जज्बात अपने दिल के दिखाए कैसे..
1. माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी,
मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम..
2. भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी,
बड़ा बेअदब हूँ सज़ा चाहता हूँ..
3. तुम मेरी आँख के बारे में बहुत पूछते हो ना,
ये वो खिड़की है, जो दरिया की तरफ़ खुलती है..
मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम..
2. भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी,
बड़ा बेअदब हूँ सज़ा चाहता हूँ..
3. तुम मेरी आँख के बारे में बहुत पूछते हो ना,
ये वो खिड़की है, जो दरिया की तरफ़ खुलती है..
जिस तरह बे मौसम बारिश सूखे पत्तों पे आवाज़ करती है,
तुम आजकल बिन बोले मुझसे इस तरह बात करती हो,
ना पता है तुमको मेरी परेशानी का ना ही मेरे दिल की हालत का,
मैं ऐसा क्यों हो रहा हूँ यह सवाल भी नहीं करती हो,
तुम्हें फ़िक्र रह गयी है अपनी और शायद सिर्फ़ अपनी,
क्यों नहीं इस रिश्ते से निकल कर पहली सी मुलाक़ात करती हो,
बहुत दिन हो गये मुझको दोपहर की नींद से जगाए,
क्यों नहीं मेरे कानो में आकर कोई शरारत वाली बात करती हो,
एक वक़्त था जब हम तुम थे सुख दुख के साथी,
क्यों नहीं तुम मुझको समझा कर एक नयी शुरुआत करती हो,
सूखे पत्तों की खरखराहट सी तुम मुझसे बात करती हो,
मैं बहुत उदास हो जाता हूँ जब तुम मुझसे इस तरह बात करती हो..
तुम आजकल बिन बोले मुझसे इस तरह बात करती हो,
ना पता है तुमको मेरी परेशानी का ना ही मेरे दिल की हालत का,
मैं ऐसा क्यों हो रहा हूँ यह सवाल भी नहीं करती हो,
तुम्हें फ़िक्र रह गयी है अपनी और शायद सिर्फ़ अपनी,
क्यों नहीं इस रिश्ते से निकल कर पहली सी मुलाक़ात करती हो,
बहुत दिन हो गये मुझको दोपहर की नींद से जगाए,
क्यों नहीं मेरे कानो में आकर कोई शरारत वाली बात करती हो,
एक वक़्त था जब हम तुम थे सुख दुख के साथी,
क्यों नहीं तुम मुझको समझा कर एक नयी शुरुआत करती हो,
सूखे पत्तों की खरखराहट सी तुम मुझसे बात करती हो,
मैं बहुत उदास हो जाता हूँ जब तुम मुझसे इस तरह बात करती हो..
1. दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन में नई रोशनी लाए,
बस यही शुभकामना है आपके लिए इस दीपावली में।
शुभ दीपावली!
2. इस दिवाली में यही कामना है कि
सफलता आपके कदम चूमे
और खुशी आपके आसपास हो।
माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहे।3. जगमगाता हुआ रहे हमेशा आपका आँगन,खुशियां न छोड़ें क़भी आपका दामन।
यूँही रहे रहो सदा हस्ते मुस्कुराते हुए,
जैसे है तारे आसमान पर टिमटिमाते हुए।
इस दिवाली समृद्धि की बहार आए,
हँसी ख़ुशी अपार लिए ये रोशनी का त्योहार आए।
4. फुलझड़ी या फिरकी नहीं इस बार खुशियो के दीपक जलाते है,
कुछ इस तरह इस बार ये दिवाली मानते है।
जिंदगी को फिर से जी जाते है,
खोया हुआ वो अस्तिस्व अपना फिर से ढूंढ़ लाते है,
अपनों को अपने होने का एहसास दिलाते है ,
चलो कुछ इस तरह इस बार दिवाली मानते है।
बस यही शुभकामना है आपके लिए इस दीपावली में।
शुभ दीपावली!
2. इस दिवाली में यही कामना है कि
सफलता आपके कदम चूमे
और खुशी आपके आसपास हो।
माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहे।3. जगमगाता हुआ रहे हमेशा आपका आँगन,खुशियां न छोड़ें क़भी आपका दामन।
यूँही रहे रहो सदा हस्ते मुस्कुराते हुए,
जैसे है तारे आसमान पर टिमटिमाते हुए।
इस दिवाली समृद्धि की बहार आए,
हँसी ख़ुशी अपार लिए ये रोशनी का त्योहार आए।
4. फुलझड़ी या फिरकी नहीं इस बार खुशियो के दीपक जलाते है,
कुछ इस तरह इस बार ये दिवाली मानते है।
जिंदगी को फिर से जी जाते है,
खोया हुआ वो अस्तिस्व अपना फिर से ढूंढ़ लाते है,
अपनों को अपने होने का एहसास दिलाते है ,
चलो कुछ इस तरह इस बार दिवाली मानते है।
1. देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है,
बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है..
2. भरे बाजार से अक्सर ख़ाली हाथ ही लौट आता हूँ,
पहले पैसे नहीं थे अब ख्वाहिशें नहीं रहीं..
3. कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है,आज़माइशों के बाद..
बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है..
2. भरे बाजार से अक्सर ख़ाली हाथ ही लौट आता हूँ,
पहले पैसे नहीं थे अब ख्वाहिशें नहीं रहीं..
3. कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है,आज़माइशों के बाद..
बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ..
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ..
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है..
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है..
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था..
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था..
इन आंखो मे आंसू आये न होते,
अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते,
उनके जाने के बाद बस यही गम रहेगा,
कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे आये न होते..
अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते,
उनके जाने के बाद बस यही गम रहेगा,
कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे आये न होते..
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की,
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की,
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था,
हमारी आदत छूट गयी मनाने की..
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की,
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था,
हमारी आदत छूट गयी मनाने की..
1. एक जैसे दोस्त सारे नही होते, कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ, कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते ..
2. न जाने सालों बाद कैसा समां होगा, हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे, जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे ..
3. शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये जीवन के वो हसीं पल मिल जाये,
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ..
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ, कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते ..
2. न जाने सालों बाद कैसा समां होगा, हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे, जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे ..
3. शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये जीवन के वो हसीं पल मिल जाये,
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ..
प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था,
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था,
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को,
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था..
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था,
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को,
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था..
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए..
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए..
आसुओ को पलकों में लाया न कीजिये,
दिल की बात हर किसी को बताया न कीजिये,
मुट्ठी में नमक लेकर गुमते है लोग,
अपने ज़ख़्म हर किसी को दिखाया न कीजिये..
दिल की बात हर किसी को बताया न कीजिये,
मुट्ठी में नमक लेकर गुमते है लोग,
अपने ज़ख़्म हर किसी को दिखाया न कीजिये..
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते..
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते..
भाइयों, थाम न हसान खातर हाम बेरा नी कित कित त हरयाणवी चुटकले, शायरी, स्टेटस अर स्वादु माल कट्ठा करण लागरे हाँ तो इसे बात प अगर म्हारा माल बढ़िया लागे तो शेयर जरूर करियो।अर बढ़िया ना लागे तो फेर कति शेयर करियो।
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